जब वे लगभग घर के पास पहुँच गईं, नोज़िबेले ने अपने गले पर हाथ लगाया। उसे एहसास हुआ कि वह अपने गले का हार वहीं भूल आयी थी! उसने अपनी सहेलियों से विनती की “कृपया मेरे साथ वापस चलो!” लेकिन उसकी सहेलियों ने कहा कि अब बहुत देर हो गई है, वे उसके साथ नहीं जा सकतीं।
अंदर से एक कुत्ते ने दरवाज़ा खोला। कुत्ते को देख कर वह चौंक गई। कुत्ते ने पूछा “तुम्हें क्या चाहिए?” नोज़िबेले ने कहा “मैं खो गई हूँ और मुझे सोने के लिए जगह चाहिए”। उसकी बात सुनकर कुत्ते ने कहा “अंदर आ जाओ, नहीं तो मैं तुम्हें काटूँगा!”। यह बात सुनकर नोज़िबेले अंदर चली गई।
फिर कुत्ते ने कहा, “मेरे लिए खाना बनाओ!”। “लेकिन मैंने कभी भी किसी कुत्ते के लिए खाना नहीं बनाया है,” उसने उत्तर दिया। कुत्ते ने फिर कहा “खाना बनाओ, नहीं तो मैं काटूँगा!”। यह सुनकर नोज़िबेले ने कुत्ते के लिए कुछ खाना बना दिया।
फिर कुत्ते ने कहा, “मेरा बिस्तर लगाओ!” नोज़िबेले ने उत्तर दिया, “मैंने कुत्ते के लिए कभी बिस्तर नहीं लगाया।” “बिस्तर लगाओ, नहीं तो काट लूँगा!” कुत्ता बोला। तो नोज़िबेले ने बिस्तर लगा दिया।
हर रोज़ वह कुत्ते के लिए खाना बनाती, झाड़ू लगाती और उसको नहलाती। फिर एक दिन कुत्ते ने कहा, “नोज़िबेले, आज मैं अपने कुछ दोस्तों के घर जा रहा हूँ। मेरे आने से पहले घर में झाड़ू लगा देना, खाना बना देना और मेरा सामान धो देना।”
जैसे ही कुत्ता गया, नोज़िबेले ने अपने सर से तीन बाल तोड़े। एक बाल को उसने बिस्तर के नीचे रख दिया, दूसरे को दरवाज़े के पीछे और तीसरे को बाड़े में रख दिया। फिर जितनी तेज़ी से वह भाग सकती थी अपने घर की तरफ़ भागी।
जब कुत्ता लौटकर वापिस आया, उसने नोज़िबेले को ढूँढ़ा। “नोज़िबेले कहाँ हो तुम?” वह चिल्लाया। “मैं यहाँ हूँ, बिस्तर के नीचे,” पहले बाल ने कहा। “मैं यहाँ हूँ, दरवाजे के पीछे,” दूसरे बाल ने बोला। और तीसरे बाल ने कहा “मैं यहाँ हूँ, बाड़े में”।
फिर कुत्ते को पता चल गया कि नोज़िबेले ने उसे छला है। यह पता चलते ही वह गाँव की तरफ़ दौड़ा पड़ा। लेकिन नोज़िबेले के भाई अपने हाथों में बड़े – बड़े डंडों के साथ उसका इंतज़ार कर रहे थे। उन्हें देखकर कुत्ता वापिस मुड़कर भाग गया और फिर कभी भी दिखाई नहीं दिया।